Friday, 29 September 2017

भेड़िया आया...भेड़िया आया

एक लड़का रोज जंगल में भेड़ें चराने के लिए जाता था। वह बड़ा शैतान था।
अपनी शैतानियों द्वारा दूसरों को परेशान करने में उसे बड़ा मजा आता था। मगर जंगल में अकेला होने के कारण वह उकता जाता था। यहां किसे और कैसे परेशान करे, यही सोचता रहता था। जंगल से लगते कुछ किसानों के खेत थे। वे सुबह-सुबह आकर अपने खेतों में काम करने में जुट जाते थे।
एक दिन उसने किसानों के साथ शैतानी करने की सूझी।
वह सोचने लगा कि ऐसा क्या किया जाए कि सारे किसान परेशान हो जाएं।
अचानक उसके दिमाग में एक खुराफात आ ही गई।

वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा, ‘‘बचाओ, बचाओ ! भेड़िया आया...भेड़िया आया !’’
किसानों ने लड़के की आवाज सुनी तो वे अपना-अपना काम छोड़कर लड़के की मदद के लिए दौड़ पड़े। जो भी हाथ लगा, साथ ले आए। कोई फावड़ा ले आया, कोई दरांती, तो कोई हंसिया। मगर जब वे लड़के के पास पहुंचे तो, उन्हें कहीं भेड़िया दिखाई नहीं दिया।
किसानों ने लड़के से पूछा, ‘‘कहाँ है भेड़िया ?’’
उनका सवाल सुनकर लड़का हंस पड़ा और बोला—‘‘मैं तो मजाक कर रहा था भेड़िया आया ही नहीं था। जाओ....तुम लोग जाओ।’’
किसान लड़के को डांट-फटकार कर लौट आए।
उनके जाने के बाद वह अपने आपसे बोला—‘वाह ! कैसा बेवकूफ बनाया। मजा आ गया।’
कुछ दिनों बाद लड़के ने फिर ऐसा ही किया। आसपास के किसान फिर मदद के लिए दौड़ आए। लड़का फिर हंसकर बोला, ‘‘मैं मजाक कर रहा था। आप लोगों के पास कोई और काम नहीं है जो मामूली – सी चीख-पुकार सुनकर दौड़े चले आते हो।’’

किसानों को बड़ा गुस्सा आया एक बार फिर उन्होंने उसे डांट-फटकार लगाई।
मगर ढीठ लड़का हंसता रहा।
लेकिन अब किसानों ने दृढ़ निश्चय कर लिया कि इस लड़के की मदद को कभी नहीं आएंगे।
कुछ समय बाद एक दिन सचमुच ही भेड़िया आ पहुंचा। लड़का दौड़कर एक पेड़ पर चढ़ गया और मदद के लिए चिल्लाने लगा। इस बार उसकी मदद के लिए कोई नहीं आया। 
सभी ने यही सोचा कि वह बदमाश लड़का पहले की तरह मजाक कर रहा है।
भेड़िये ने कई भेड़ों को मार डाला। इससे लड़के को अपने किए पर दुख हुआ।
शिक्षा—झूठ बोलने वालों पर कोई विश्वास नहीं करता।

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